2/28/2007

सैफ ने छोड दी है अब शाहरुख की बारी है

मंटू मुझसे उम्र में बारह वर्ष छोटा और हिंदी फिल्‍मों के उत्‍साह की दृष्टि से बीस वर्ष बडा है. अपने कमरे में उसने प्रीति झिंटा नहीं मनोज बाजपेयी और इरफान खान की फोटो लगा रखी है. तिग्‍मांशु धुलिया का भक्‍त और ‘रंग दे बसंती’ को इस सेंचुरी की बेस्‍टमबेस्‍ट फिल्‍म मानता है. न माननेवाले को बहस और हाथापाई से मनवा लेने की आस्‍था रखता है. हमारे संग उसके कभी खुशी कभी ग़म वाले संबंध हैं. ब्‍लैक फ्राइडे वाली टिप्‍पणी पढकर वह प्रसन्‍न हुआ था, और गुरु दत्‍त में हमें पिला देखकर पका हुआ था. –ब्‍लैक एंड व्‍हाईट फिल्‍मे अब कौन देखता है, भाई साहब? पांच दिनों बाद मंटू फिर हाजिर हुआ है, और कुर्सी में सिगरेट जलाकर रेस्‍टलेस हो रहा है.

मेरे शांत बने रहने पर आखिरकार मंटू चिढकर कहता है, अब तो शाहरुख को भी फ़ैसला लेना ही होगा. पूछने की गरज से पूछता हूं कैसा फैसला. मंटू अब अपने रंग में आता है, अरे, वही. हॉस्पिटल से निकलने के बाद फोन आया ही होगा. सैफ ने कहा होगा, किंग, तू भी अब छोड ही दे, यार! शाहरुख ने चिढकर कहा होगा, अबे, असल नवाब की औलाद, तेरे पीछे-पीछे मैंने भी घबराकर सिगरेट छोड दी तो खाक़ किंग रहूंगा. फिर पेप्‍सी, सिगरेट, गौरी और बच्‍चों के सिवा अपने पास और है क्‍या! दोनों के बीच सीरियस सिगरेट डिसकसन चल रहा होगा. आप इस पर लिखो, भाई साब, हंसते हुए कहकर मंटू प्रसन्‍न हो गया, सिगरेट के गहरे कश लेने लगा. गुरु दत्‍त को पीछे धकियाकर अपने नये चहेते सैफ को आगे स्‍थापित करने की वह एक महीन रणनीतिक कोशिश कर रहा था.

मैंने दिलचस्‍पी दिखाते हुए एक पैर उठाकर सोफे की बांह पर रख दिया और पूछा और किस-किस पर लिखें? अनुराग कश्‍यप पर एक सीरिज़ लिख सकते हो. क्‍या-क्‍या फिल्‍म बनाई उसने, क्‍या नहीं बना सका, क्‍या बनानेवाला है. फिल्‍म, फैमिली, इंडस्‍ट्री के फ्यूचर सबके बारे में उसकी सोच क्‍या है (फिर मंटू ने मुझे सूचित किया कि भले यह काम प्‍यासा वाली टिप्‍पणियों से ज्‍यादा समझदारी व जनहित में महत्‍वाकांक्षी सेवा होगी और वह इसके लिए अनुराग का फोन नंबर खोजकर मुझसे बात करवाने को उसे तैयार भी कर लेगा, मगर इसके लिए हमें अभी थोडा सब्र करना होगा, क्‍योंकि इन दिनों अनुराग पत्‍नी आरती बजाज के साथ छुट्टी मनाने विदेश गया हुआ है). लेकिन हताश होने जैसी कोई बात नहीं. इस दरमियान मैं हिंदी सिनेमा की चिंताओं व समझ के नये चेहरे के बतौर खुद मंटू पर एक प्रोफाईल कर सकता हूं!

मैं कुछ प्रतिक्रिया दूं इसके पहले ही मंटू सिगरेट बुझाकर, ऑलमोस्‍ट सैफ-सी अदा में मुझे देखता धीमे-धीमे मुस्‍कराने लगा. खेद की बात यह थी कि मेरे पास डिजिटल कैमरा नहीं है. उससे ज्‍यादा शर्म की बात कि पुराना कोडैक कैमरा भी अर्से से काम नहीं कर रहा.

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