8/23/2013

छुटकन रील्‍स..

थोड़े-थोड़े में कुछ लोग चलते रहते हैं, व्‍यायाम भी होता है, चलकर कहीं पहुंचना तो होता ही है. कुछ लोग बिना चले पहुंचना चाहते हैं (मैं अपनी बात नहीं कर रहा). ख़ैर, आनंद गांधी का कुछ और सामान, पुरनका, छोटी फिल्‍में. यह 2003 में बनाई पहली 'राइट हीयर राइट नाउ' नाम से पहली और दूसरी दो किस्‍तों में है. उसके तीन वर्षों बाद पांच खंडों में 'कंटिन्‍युअम' बनाई, उसकी लिंकाई यह रही: भूख, व्‍यापार और प्रेम, मृत्‍यु, ज्ञान, अद्वेत..

(जिस ब्‍लॉग के रास्‍ते नज़र पड़ी, उसका आभार)

8/08/2013

किस्‍से जो हम सुनाते हैं..

अरब की औरत की आवाज़, पहली फ़िल्‍म.. सूरज उगने और डूबने के बाद अब यह बीच रात की फ़िल्‍म.. और यह मियाज़ाकी का नया, सैरा पॉली की मीठी गोली.. 




8/02/2013

चलते-चलते, और बैठे हुओं के यू-ट्यूब से दो वीडियो..

महेश जो देख नहीं सकता के साथ एक दिन..



देखने और दिखा देनेवालों के साउंड-बाइट्स..